पुरानी रोशनी में और नई में फ़र्क़ है इतना उसे कश्ती नहीं मिलती इसे साहिल नहीं म…
Read moreतालीम लड़कियों की ज़रूरी तो है मगर ख़ातूने-ख़ाना हों, वे सभा की परी न हों जो …
Read moreपाकर ख़िताब नाच का भी ज़ौक़ हो गया ‘सर’ हो गये, तो ‘बाल’ का भी शौक़ हो गया * ब…
Read moreदिल लिया है हमसे जिसने दिल्लगी के वास्ते क्या तआज्जुब है जो तफ़रीहन हमारी जान ल…
Read moreचश्मे जहाँ से हालते असली नहीं छुपती अख्बार में जो चाहिए वह छाप दीजिए दावा बहु…
Read moreसूप का शायक़ [1] हूँ, यख़नी [2] होगी क्या चाहिए कटलेट, यह कीमा क्या करूँ लैथर…
Read moreतअज्जुब से कहने लगे बाबू साहब गौरमेन्ट [1] सैयद पे क्यों मेहरबाँ है उसे क्यों …
Read moreहस्ती के शज़र में जो यह चाहो कि चमक जाओ कच्चे न रहो बल्कि किसी रंग मे पक जाओ मै…
Read moreबिठाई जाएंगी परदे में बीबियाँ कब तक बने रहोगे तुम इस मुल्क में मियाँ कब तक हरम-…
Read moreहिन्द में तो मज़हबी हालत है अब नागुफ़्ता बेह मौलवी की मौलवी से रूबकारी हो गई एक…
Read moreआपसे बेहद मुहब्बत है मुझे आप क्यों चुप हैं ये हैरत है मुझे शायरी मेरे लिए आसाँ …
Read moreख़ुशी है सब को कि आप्रेशन में ख़ूब नश्तर [1] चल रहा है किसी को इसकी ख़बर नहीं …
Read moreजान ही लेने की हिकमत [1] में तरक़्क़ी देखी मौत का रोकने वाला कोई पैदा न हुआ उस…
Read moreदम लबों पर था दिलेज़ार के घबराने से आ गई है जाँ में जाँ आपके आ जाने से तेरा कूच…
Read moreCopyright (c) 2018 sach kidunia All Right Reseved
Social Plugin