शेर कहता है / अकबर इलाहाबादी

शेर कहता है बज़्म से न टलो

दाद लो, वाह की हवा में पलो
वक़्त कहता है क़ाफ़िया है तंग
चुप रहो, भाग जाओ, साँस न लो