ग़म क्या जो आसमान है मुझसे फिरा हुआ
मेरी नज़र से ख़ुद है ज़माना घिरा हुआ
मग़रिब ने खुर्दबीं से कमर उनकी देख ली
मशरिक की शायरी का मज़ा किरकिरा हुआ
मेरी नज़र से ख़ुद है ज़माना घिरा हुआ
मग़रिब ने खुर्दबीं से कमर उनकी देख ली
मशरिक की शायरी का मज़ा किरकिरा हुआ